Sunday, January 9, 2011

मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है !
कभी कबिरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी
है !!

यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं !
जो तू समझे तो मोती
है, जो ना समझे तो पानी है !!




कोई ये कैसे बता ये के वो तन्हा क्यों
हैं

वो जो अपना था वो ही और किसी का क्यों हैं
यही दुनिया है तो फिर ऐसी ये
दुनिया क्यों हैं

यही होता हैं तो आखिर यही होता क्यों हैं

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